बस जिए जा रहे हैं...

कदर नहीं है उनकी जो दूसरों पर प्यार लुटाना ही जानते हैं,
वादे किए जा रहे हैं उनसे जो निभाना भी नहीं जानते,
तोड़कर दिल अपनों का बस जिए जा रहे हैं……

आशियाना सपनों का यूँ ढह नहीं जाता,
गर नींव में प्यार अपनों का समाया होता,
चाहतें पूरी करने की जद्दोजहद में बस ठुकराए जा रहे हैं…..

पाना तो है सब कुछ,पर देने के लिए हाथ नहीं उठते,
दिखाकर अपने जख्मों को बार-बार,
दूसरों को सिर्फ दर्द दिए जा रहे हैं
खोदा जो गड्ढा दूसरों के लिए पर खुद गिरे जा रहे हैं……

कहते हैं लोग प्यार और जंग में सब जायज है
गर समझ जाते प्यार का मतलब तो जंग के आसार ही क्यों होते
चेहरे का सच छुपा कर झूठ का नकाब लिए जा रहे हैं……

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nivedita Barkhade

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