जिंदगी का सफर

फैला के पंख आशाओं के उड़ चली…


जीने की राह में एक कदम बढ़ा चली….

हौसला साथ लिए अपनों का जिंदगी के खूबसूरत सफर में चल पड़ी….

जो भी मिला राह में संग अपने ले चली….

ना जाना था कहां मिलेगी मंजिल अंधेरे को चीर के रोशनी की तलाश में चल पड़ी….

आंखों को था जिसका इंतजार, मुस्कान बिखेरने कई चेहरों पर चल पड़ी….

खुशनसीब हूँ जो भी मैंने पाया लुटाने वह प्यार सब में चल पड़ी….

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nivedita Barkhade

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